बाइडेन सर्वे में शुरू से आगे, लेकिन ट्रम्प की तस्वीरों वाली टोपियां-मास्क ज्यादा बिक रहे; वह भी ‘मेड इन चाइना’
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। यहां अब तक के सभी सर्वे में डेमोक्रेटिक प्रत्याशी जो बाइडेन बढ़त बनाते दिख रहे हैं। लेकिन, आश्चर्य यह कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए बनाई गई प्रचार सामग्री सबसे ज्यादा बिक रही है। वह भी चीन में बनी हुई। वह चीन जिसे ट्रम्प ने प्रचार में अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है।
चीन में दुनिया के सबसे बड़े प्रचार सामग्री के थोक बाजार यिवू शहर की एक फैक्ट्री में काम करने वाले लोग मानते हैं कि इस बार भी ट्रम्प ही जीतेंगे। वजह ये है कि ट्रम्प के कैंपेन के लिए बंट रहीं टोपियां, बैनर, मग, मास्क जैसी प्रचार सामग्री इनकी फैक्ट्री से ही बनकर सप्लाई हो रही है।
चीन में भी खूब बिक रहीं हैं
प्लास्टिक के बने डायनासोर और ‘किस माय बेस’ जुमले के साथ ट्रम्प की तस्वीर वाली टोपियां भी अमेरिका और चीन में खूब बिक रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ यिवू के दुकानदार बताते हैं कि बाइडेन की फोटो वाली टोपियां इत्यादि की बिक्री नाम मात्र की भी नहीं है। यिवू की 100 दुकानों में से सिर्फ एक दुकानदार ने कहा कि बाइडेन की फोटो वाली सामग्री खरीदने के लिए इस पूरे साल में केवल एक ही खरीददार आया है।
2016 के चुनाव में अमेरिका के बैटल ग्राउंड राज्यों में हिलेरी क्लिंटन के बैनर और कटआउट आम जनता के घरों से नदारद थे। जबकि ये सारे राज्य ट्रम्प की फोटो और उनके स्लोगन ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से पटे पड़े थे। इस साल इन राज्यों में बाइडेन के पोस्टर-बैनर हर दूसरे-तीसरे घर में दिखाई पड़ रहे हैं। कुछ तो घर ऐसे भी हैं, जहां दोनों के पोस्टर एक साथ लगे हैं। यानी पत्नी बाइडेन समर्थक है, तो पति ट्रम्प समर्थक।
खास बात यह है कि 2016 के चुनाव की तरह इस बार भी डेमोक्रेटिक पार्टी ने बैनर-पोस्टर पर कोई खास बजट नहीं लगाया। बाइडेन समर्थकों ने खुद अपने खर्च से घर पर पोस्टर-बैनर बनाकर न सिर्फ घरों में लगाया, बल्कि जिन्होंने मांगा, उन्हें भी दिया। यही वजह है कि बाइडेन की पार्टी को किसी बड़े निर्माता से भारी मात्रा में चुनाव प्रचार सामग्री मंगवाने की जरूरत ही नहीं पड़ी।
65 से ज्यादा उम्र वाले दो-तिहाई लोग पहले ही वोट कर चुके
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के पाॅलिटिकल साइंस के प्रोफेसर डेनियल स्मिथ कहते हैं कि यहां 65 वर्ष की उम्र के ऊपर के दो-तिहाई लोगों ने पहले से ही वोटिंग कर ली है। ये परिस्थिति उन क्षेत्रों में भी है, जहां ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का दबदबा है। लेकिन, अभी यह कहना मुश्किल है कि इन सारे बुजुर्गों ने 2016 की तरह इस साल भी ट्रम्प को ही वोट किया है या इनमें से कुछ हिस्सा बाइडेन के पक्ष में झुका है। ट्रम्प को जरूरत है कि 3 नवंबर को उनके वोटर बड़ी संख्या में निकलें और वोट करें। क्योंकि, ऐसा नहीं हुआ तो वे बढ़त नहीं बना सकेंगे।
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