दुनिया में सबसे लंबे 112 दिन के लॉकडाउन के बाद काम पर लौटेंगे दो लाख लोग
(भास्कर के लिए मेलबर्न से अमित चौधरी) दुनिया के सबसे लंबे लॉकडाउन से निकलने वाले मेलबर्न शहर अब सामान्य दिख रहा है। 112 दिनों की कड़ी पाबंदियों के बाद 50 लाख आबादी ने खुली हवा में सांस लेना शुरू कर दिया है। बाजार और स्टोर्स खुल गए हैं, लोग 5 किमी की जगह 25 किमी तक आ-जा सकते हैं। इस बीच करीब 1.80 लाख से ज्यादा कामगार भी अपने काम पर लौट आए हैं।
हजारों भारतीय और पर्यटक उड़ानें बंद होने और वीसा न मिलने से मेलबर्न में फंसे हैं। उन्हें उम्मीद है कि उड़ानें जल्द बहाल होंगी और वे घर लौट सकेंगे। मेलबर्न विक्टोरिया राज्य की राजधानी है, जो ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 का एपिक सेंटर रहा है। संक्रमण का एक भी नया केस न मिलने पर विक्टोरिया प्रशासन ने 26 अक्टूबर को छूट के पहले फेज की घोषणा की है।
सरकार की रणनीति काम करती दिख रही है। जून के बाद रविवार को पूरे देश में एक भी केस नहीं मिला। ऑस्ट्रेलिया में अब तक 27,590 मरीजों में से 20 हजार से ज्यादा विक्टोरिया के ही थे। मार्च में यहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। 16 मार्च को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 2 हफ्तों का आपातकाल घोषित किया, जिससे संक्रमण फैलने पर अंकुश लगा। अप्रैल में हालात फिर बिगड़ने लगे। विक्टोरिया में ही 905 में से 817 मरीजों की मौत हो गई। इनमें से 682 बुजुर्ग थे।
2 अगस्त को कड़ी पाबंदियों की घोषणा हुई और 7 अगस्त से रात्रिकालीन कर्फ्यू लग गया। स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थल और रिटेल सेक्टर बंद हो गए। एयरपोर्ट भी बंद कर दिए गए। हालांकि कुछ ग्रॉसरी स्टोर्स को होम डिलीवरी की शर्त पर अनुमति मिली। ऑस्ट्रेलिया पोस्ट के मुताबिक ऑनलाइन खरीदी करने वाले 10 लाख नए ग्राहक जुड़े।
112 दिन लंबे लॉकडाउन में ऑस्ट्रेलिया सरकार ने काफी कड़ाई बरती। सख्ती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि विक्टोरिया राज्य ने मार्च से अब तक लॉकडाउन तोड़ने वालों पर 20 करोड़ रुपए (27.8 मिलियन डॉलर) से ज्यादा जुर्माना लगाया। 5 किमी के नियम को तोड़ने पर 1.25 लाख रुपए का जुर्माना था, जबकि मास्क न पहनने पर 15 हजार रुपए का। इसी तरह गैरकानूनी ढंग से लोगों के जुटने पर 3.72 लाख का जुर्माना था।
हाउसवाइफ नवजोत कौर बताती हैं कि इतना लंबा लॉकडाउन उनके लिए किसी बुरे सपने जैसा था, लेकिन अब राहत है। उनके लिए 2 और 4 साल के बच्चों के साथ घर में रहना काफी मुश्किल था। वहीं मेलबर्न में ही लाइसेंस ऑफिसर सिमरनजीत लॉकडाउन को बेहद जरूरी मानते हैं।
उनके मुताबिक, संक्रमण पर अंकुश के लिए ये जरूरी था। कुछ ही महीनों पहले नौकरी की तलाश में सिडनी से मेलबर्न शिफ्ट हुए परविंदर सिंह लॉकडाउन हटने से खुश हैं। उन्हें उम्मीद है कि अब उन्हें नौकरी मिल सकेगी और अपनी मंगेतर से शादी भी कर सकेंगे। स्थानीय सरकार ने गुरुद्वारे सहित सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया था, जिसके कारण उनकी शादी टल गई थी।
मार्च 2021 तक घर खाली नहीं करा पाएंगे मकान मालिक, किराया सरकार देगी
लॉकडाउन में नौकरियां भी गईं और बिजनेस भी बंद हुए। एक आंकड़े के मुताबिक, मेलबर्न में रोजाना 1200 लोगों की नौकरियां गईं। पूरे लॉकडाउन में 10 लाख नौकरियां गईं और 100 से ज्यादा बिजनेस बंद हुए। राज्य सरकार ने विक्टोरिया के लोगों को 3000 डॉलर तक के किराए में राहत देने के लिए एक रेंट रिलीफ फंड बनाया। यह राशि सीधे मकान मालिक या एजेंट को दी गई ताकि वे किराएदारों को घर में ही सुरक्षित रहने दें।
पूरा इलाज फ्री, 14 दिन आइसोलेशन में रहने वाले शख्स को 1500 डॉलर: इसके अलावा 14 दिन तक आइसोलेशन में घर पर रहने वाले बेरोजगारों को 1500 डॉलर तक भुगतान किया गया है। पूरे ऑस्ट्रेलिया में किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में कोविड टेस्ट और इलाज फ्री किया गया।
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