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ट्रम्प मीडिया का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं, मुश्किल सवाल करने वाले चैनलों को इंटरव्यू नहीं देते

कोरोना पॉजिटिव होने और फिर कथित तौर पर रिकवर होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहला ऑन कैमरा इंटरव्यू दिया। इसके लिए उन्होंने खुद की पसंद चुनी। फॉक्स न्यूज के डॉक्टर मार्क सीगल। सीगल वही व्यक्ति हैं जिन्होंने डेमोक्रेट गवर्नर्स की स्कूल बंद करने के लिए आलोचना की थी। साथ ही ये भी कहा था कि राष्ट्रपति की देखरेख देश के सबसे बड़े इन्फेक्शन डिसीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथोनी फौसी कर रहे हैं। और सीगल को जो काम सौंपा गया था, उसमें उन्होंने निराश भी नहीं किया।

मुश्किल सवालों से बचने की कोशिश
दरअसल, राष्ट्रपति कंजर्वेटिव मीडिया का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। ताकि उनसे मुश्किल सवाल न पूछे जाएं। इसलिए, अपने पसंद के जर्नलिस्ट्स का चुनाव कर रहे हैं। जो कठिन सवाल पूछ सकते हैं, उन पत्रकारों को दूर रखा जा रहा है। क्योंकि, मुश्किल सवाल उनकी परेशानियां बढ़ा सकते हैं। वे डिफेंसिव नहीं बल्कि अटैकिंग अप्रोच रखना चाहते हैं। ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में किया था। इस कोशिश के जरिए वे उन वोटर्स को कुछ खास मैसेज देना चाहते हैं जो बहकावे में आ सकते हैं। राष्ट्रपति के लिहाज से ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चुनाव में सिर्फ तीन हफ्ते रह गए हैं।

दूसरी डिबेट से बच गए ट्रम्प
कमिशन फॉर प्रेसिडेंशियल डिबेट ने दूसरी बहस वर्चुअल कराने का सुझाव दिया था। लेकिन, ट्रम्प इसे मानने तैयार नहीं थे। रिपब्लिकन पार्टी के सलाहकार एलेक्स कोनेन्ट कहते हैं- ट्रम्प को 10 बहस में भी हिस्सा लेने को तैयार हैं। वे लोगों से भावनात्मक तौर पर जुड़ना चाहते हैं। बहस को कुछ लोग चुनावी रणनीति से जोड़ना चाहते हैं। जबकि, ट्रम्प के लिए यह भावनात्मक मुद्दा है। हमारे सामने 2016 का उदाहरण है। कुछ लोग चाहते थे कि हिलेरी क्लिंटन को महिला होने का फायदा मिले। हॉलीवुड से भी उनको समर्थन मिल रहा था।

यह ट्रम्प की रणनीति है
ट्रम्प मीडिया का इस्तेमाल करना जानते हैं। उस मीडिया का तो खास तौर पर जो उनका पक्ष लेता रहा है। इसके जरिए वे वोटर्स के एक खास हिस्से तक पहुंचना चाहते हैं। शनिवार को मिस्टर लिम्बॉग को जो ट्रम्प ने रेडियो इंटरव्यू दिया उसके इशारों को साफ समझा जा सकता है। ट्रम्प और लिम्बॉग दोनों साफ कर देना चाहते थे कि व्हाइट हाउस में रहने के लिए ट्रम्प सबसे सही व्यक्ति हैं। ट्रम्प ने बाइडेन, हिलेरी क्लिंटन और एफबीआई के पूर्व डायरेटक्स जेम्स कोमे की बातों को सिरे से खारिज कर दिया।

नोबेल के लिए नहीं चुने जाने का दुख
ट्रम्प को इस बात की शिकायत और दुख है कि इस साल उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए क्यों नहीं चुना गया। इसके लिए उन्होंने मेनस्ट्रीम या कहें उस मीडिया को दोषी ठहराया जो उनसे मुश्किल सवाल करता है। ट्रम्प ने कहा- मैं कितना भी अच्छा काम कर लूं वे (मेनस्ट्रीम मीडिया) उसको कवरेज नहीं देते। दरअसल, ट्रम्प उस मीडिया का इस्तेमाल करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं जो उन्हें उनके मनमाफिक कवरेज दे सके।

किसी सवाल का साफ जवाब नहीं
ट्रम्प से एक सवाल पूछा गया कि क्या आपकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है? इस पर उनका जवाब सुनिए। राष्ट्रपति ने कहा- मैं जानता हूं कि मेरी सेहत कैसी है और कब बेहतर होती है। यह सवाल हैनिटी के प्रोग्राम में पूछा गया था। करीब 50 लाख लोगों ने इसे देखा। ट्रम्प अपने विरोधियों को झूठा करार दे रहे हैं। ट्रम्प ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने कभी अमेरिकी सैनिकों को पराजित योद्धा कहा था।

अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज को करीब 100 इंटरव्यू दिए। जबकि, दूसरे नेटवर्क्स को बेहद कम। डॉक्टर सीगल को शनिवार को उन्होंने जो इंटरव्यू दिया वो भी लाइव टेलिकास्ट नहीं किया गया। सीगल ने स्टूडियो से सवाल पूछे। जवाब व्हाइट हाउस में लगे रिमोट कंट्रोल्ड कैमरे के जरिए हासिल हुए। डॉक्टर सीगल मेनहट्टन में इंटरनल मेडिसिन के एक्सपर्ट हैं। लेकिन, उनके एसोसिएशन ने इस इंटरव्यू से पल्ला झाड़ लिया।



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