Latest Kabhar

1923 में द वॉल्ट डिज्नी कंपनी की नींव पड़ी, 115 साल पहले बंगाल का विभाजन; आज वर्ल्ड फूड डे भी

आज द वॉल्ट डिज्नी कंपनी को कौन नहीं जानता? आज यह कंपनी अंतरराष्ट्रीय मनोरंजन उद्योग की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। डिज्नी भाइयों- वॉल्ट और रॉय- ने डिज्नी ब्रदर्स कार्टून स्टूडियो नाम से 16 अक्टूबर 1923 को यह कंपनी बनाई थी।

जब कंपनी शुरू हुई तो वॉल्ट डिज्नी ने कई संकटों का सामना किया। खाने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। कार्टून बिक नहीं पाते थे। मई 1928 में मिकी हाउस ने न केवल वॉल्ट डिज्नी को पहचान दिलाई, बल्कि ऐसी सक्सेस स्टोरी लिखी कि पूरी दुनिया आज भी देख रही है।

वॉल्ट को मिकी का आइडिया भी अजीब तरह से आया था। वे कैंसास स्टूडियो में बैठे थे, तभी उनके टेबल पर एक चूहा चढ़ गया था। उसकी हरकतें देखकर ही मिकी बनाया और उसी मिकी ने डिज्नी को अपना सुनहरा दौर दिखाया।

पिछले साल वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने 71 अरब डॉलर की डील कर 21 सेंचुरी फॉक्स को खरीदा, जिससे स्टार इंडिया भी वॉल्ट डिज्नी का हिस्सा हो गया। इस डील ने मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव ला दिया है। इससे डिज्नी को टाटा स्काई और एंडेमोल शाइन ग्रुप का मालिकाना हक भी मिल गया। भारत में हॉट स्टार का नाम बदलकर डिज्नी हॉट स्टार किया गया।

1905 में बंगाल का विभाजन

  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बंग-भंग आंदोलन का बहुत महत्व है। सही मायनों में इसने ही देश में राष्ट्रवाद के बीज बोए। मुसलमानों और हिंदुओं को बांटने के लिए अंग्रेजों ने बंगाल के मुस्लिम-बहुल क्षेत्र को मिलाकर नया प्रांत बनाया। 16 अक्टूबर 1905 से यह बंटवारा लागू हुआ। इसके खिलाफ न केवल नेता, बल्कि बच्चे-बूढ़े, महिला-पुरुष सब सड़कों पर आ गए। पूरे बंगाल में इसे शोक पर्व के रूप में मनाया गया।
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर तथा अन्य प्रबुद्ध लोगों ने आग्रह किया कि इस दिन सब लोग एक-दूसरे के हाथ में राखी बांधें। संकल्प लें कि जब तक यह काला आदेश वापस नहीं लिया जाता, वे चैन से नहीं बैठेंगे। छह साल तक आंदोलन चला। लाल, बाल, पाल की तिकड़ी ने पूरे देश में इसे पहुंचाया। ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम ने 11 दिसम्बर 1912 को दिल्ली में दरबार लगाकर यह आदेश वापस लिया। इतना ही नहीं उन्होंने वायसराय लार्ड कर्जन को वापस बुलाकर उसके बदले लार्ड हार्डिंग को भारत भेजा।

75 साल का हुआ यूएन एफएओ

  • यूनाइटेड नेशंस (यूएन) फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) की स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को हुई थी। 1979 में रोम में एफएओ के इवेंट में तय हुआ कि 1981 से हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे के तौर पर मनाया जाएगा। हर साल एक अलग थीम तय की जाती है। यह दिन फूड सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
  • इस साल यूएन का फोकस है फूड हीरोज- किसान और फूड सिस्टम से जुड़े सभी कर्मचारियों के योगदान का महत्व हर एक को समझाने पर। कोविड-19 महामारी के इस दौर में वंचित तबका और गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और ऐसे में उन्हें आवश्यक मदद देना बहुत जरूरी है।

आज की तारीख इन घटनाओं के लिए भी याद की जाती है-

  • 1939: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने ब्रिटिश क्षेत्र पर पहला हमला किया।
  • 1944: प्रसिद्ध तबला वादक लच्छू महाराज का जन्म।
  • 1948: बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी का जन्म।
  • 1948: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का जन्म।
  • 1951ः पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की रावलपिंडी में गोली मारकर हत्या।
  • 1959ः राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद की स्थापना।
  • 1964ः चीन ने अपना पहला परमाणु विस्फोट किया।
  • 1968ः हरगोविंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 1984ः दक्षिण अफ्रीका के सामाजिक कार्यकर्ता डेसमंड टुटु को शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया।
  • 1999ः अमेरिका ने सैन्य शासन के विरोध में पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाया।
  • 2003ः मलयाली फिल्मकार अडूर गोपाकृष्णन को फ्रांस के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘कमांडर ऑफ द आर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लैटर्स’ से सम्मानित किया गया।
  • 2004ः अमेरिका ने इराकी अबू मुसार जल जरकावी के संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया।
  • 2011ः भारतीय मूल के धावक 100 वर्षीय फौजा सिंह ने सबसे अधिक उम्र में टोरंटो वाटर फ्रंट मैराथन पूरी की।
  • 2012ः सौरमंडल के बाहर एक नए ग्रह ‘अल्फा सेंचुरी बीबी’ का पता चला।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Today History for October 16th/ What Happened Today | World Food Day Today: All You Need To Know | The Walt Disney Company Formed | The Disney Brothers Cartoon Studio | Division Of Bengal in British India in 1905


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3lXcaZ3

कोई टिप्पणी नहीं